कलाई से कांधों तक आभूषित, एक नारी का प्रतिमान,
मोअन-जो-दाड़ो में दबा, मेरा अनकथ संसार,
क्या हूँ मैं?
पन्नों में सिमटा, मात्र एक युगीन वृत्तान्त?
खोया सारा समर्पित अती...
दशरथ ने पशु समझ शब्दभेदी बाण जब छोड़ा था तो श्रवण कुमार की मृत्यु उस बाण के लगने से हो गयी थी। इस प्रसंग से दर्शित होता है कि वे शिकार किया करते थे, किन्तु क्या वे मांसभक्षण हेतु शिकार करते थे? अगर...
तवायफ की मांग में सिंदूर, लंगूर के हाथ में अंगूर।
बगुले की चोंच में हीरा, ऊंट के मुहं में जीरा।
बंदरों के पास कार, गधों के हाथ में सरकार।
कैसे-कैसे कारनामे हो रहे हैं, और आप रज...
जब समाज में सभी लोगों की सोच सकारात्मक होगी, तभी समग्र रूप से अच्छे कर्मों की भी उत्पत्ति होगी और अच्छे कर्मों से ही स्वस्थ समाज का निर्माण होगा. मन के विचारो का प्रगट रूप है, चाहे वे एक व्यक्ति द्...
अब इंतहा हो गई, तुम्हारे इंतजार की!
हर शाम आती है, चली जाती है और दे जाती है
एक ओर शाम, इंतजार की!
सूरज के पहली किरण, एक नई उम्मीद लेकर
रोज़ आती है मेरे घर, मगर तेरे इं...
मित्रों आप सभी को मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें...
साथी का शाब्दिक अर्थ होता है साथ देने वाला। ऐसे साथ की आस भी हर कोई करता है। क्योंकि जीवन के सुख-दु:ख में किसी का साथ राहत देने वाला...
अगर पूछा होता तुमने कि, प्यार क्या है? तो बता देते !
खता हो जाती अगर अनजाने में, कबूल करते हम, तुम जो सजा देते !!
जब न तो खता हुई हमसे, न ही कोई गलती हुई!
तुम्हे जो सुनना था, ह...
अजीब है यह दुनिया इसका दस्तूर भी अजीब है!!
कौन कितना दूर है, कौन कितना करीब है,
किसको मिलता है किसका साथ,
किसको मिलता है किसका प्यार,
कोई दोस्त है अपना तो कोई रकीब है,
सर पे सिंदूर का “फैशन” नही है,
गले मे मंगलसूत्र का “टेंशन” नही है!
माथे पे बिंदी लगने मे शर्म लगती है,
तरह तरह की लिपस्टिक अब होंठो पे सजती है!
आँखो मे काजल और मस्कारा ल...
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला, उस-उस राही को धन्यवाद।
जीवन अस्थिर अनजाने ही, हो जाता पथ पर मेल कहीं,
सीमित पग डग, लम्बी मंज़िल, तय कर लेना कुछ खेल नहीं।
दाएँ-बाएँ सुख-दुख चलते, ...