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विश्वकर्मा शिल्पकार विकास आयोग बनाने की मांग - 22 Nov 2017

विश्वकर्मा शिल्पकार विकास आयोग बनाने की मांग - 22 Nov 2017 नयी दिल्ली। अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री राम आसरे विश्वकर्मा ने भारत सरकार से विश्वकर्मा शिल्पकार विकास आयोग बनाने की मांग की है। नयी दिल्ली स्थित एम.पी. क्लब, नार्थ एवेन्यू में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि कुटीर उद्योगों में लगे करोड़ो कारीगर विश्वकर्मा, लोहार, बढ़ई, कुम्हार, नाई कसेरा, ठठेरा, शिल्पकार के रोजगार को सुरक्षित करने के लिए महासभा, केन्द्र सरकार से ‘विश्वकर्मा शिल्पकार विकास आयोग’ बनाने की मांग करती है। राम आसरे विश्वकर्माने कहा कि केन्द्र सरकार के कई विभागों में जैसे सेना, पीडब्ल्यूडी, रेलवे, इंजीनिरिंग सहित कई तकनीकी विभागों में पुश्तैनी पेशे के आधार पर नौकरी विश्वकर्मा समाज के लोगों के लिए आरक्षित होते थे। आईटीआई की ट्रेनिंग और कौशल विकास मिशन की ट्रेंनिंग ने विश्वकर्मा लोहार, बढ़ई के कारीगरों के पद से आरक्षण समाप्त कर दिया है और यह लोग बेरोजगार हो गये हैं।

महासभा विश्वशिल्पियों को नीतियों और कार्यक्रमों के आधार पर एकजुट करेगी और उनकी महाशक्ति बनायेगी। आजादी के 70 वर्षों के बाद भी विश्वकर्मा समाज की सभी जातियों को एक समान अवसर नहीं दिया गया। अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा केन्द्र सरकार से मांग करती है कि सम्पूर्ण विश्वकर्मा शिल्पकार समुदाय की सामाजिक और जातिगत विषमता को दूर करके एक ही श्रेणी ‘अनुसूचित जनजाति’ की श्रेणी में नोटीफाई करे ताकि इस समुदाय के बच्चों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सके और यह समुदाय भी आरक्षित श्रेणी से लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़कर, लोकसभा और विधान सभा में भागीदारी प्राप्त कर सके। सम्पूर्ण विश्वकर्मा शिल्पकार समुदाय को एक ही श्रेणी में चिन्हित करने पर जातिवार जनगणना में इनकी संख्या सम्पूर्ण रूप से प्रदर्शित हो सकेगी और यह आरक्षण का सम्पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकेंगे। अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा केन्द्र सरकार से पिछड़े वर्गों की समस्त जातियों की जनगणना को प्रकाशित करने की मांग करती है, ताकि उसमें शिल्पकार विश्वकर्मा समाज अपनी जनसंख्या का आंकलन कर सके और उसे आबादी के अनुसार भागीदारी सुनिश्चित कराया जा सके।

राम आसरे विश्वकर्मा ने कहा कि 17 सितम्बर को भगवान विश्वकर्मा की पूजा पूरे देश में सभी समुदाय और वर्ग के लोग करते हैं। विश्वकर्मा समाज के लोग विश्वकर्मा पूजा को सम्मान और स्वभिमान दिवस के रूप में मनाते हैं। उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार ने विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करके विश्वकर्मा समाज की पहचान बनाई थी। महासभा भाजपा सरकार द्वारा विश्वकर्मा पूजा की छुट्टी को निरस्त करके विश्वकर्मा की पहचान को समाप्त करने की साजिश मानती है। अभी हाल में हरियाणा सरकार द्वारा विश्वकर्मा पूजा दिवस को मजदूर दिवस के रूप में मनाने को महासभा विश्वकर्मा समाज का अपमान मानती है। भगवान विश्वकर्मा रचना और शिल्प के देवता हैं। उनके वंशज देश के रचनाकार और निर्माता हैं। उन्हें मजदूर की श्रेणी में रखना उनका अपमान है।

महासभा केन्द्र सरकार से मांग करती है कि दिनांक 17 सितम्बर 2017 विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करके विश्वकर्मा समाज का सम्मान और पहचान पूरे देश में स्थापित करे, ताकि विश्वकर्मा शिल्पकार कारीगरों के विकास के साथ-साथ रोजगारपरक नीतियां बनाए जा सके और इस समुदाय का विकास किया जा सके। महासभा यह भी मांग करती है कि भगवान विश्वकर्मा के नाम पर ‘विश्वकर्मा पुरस्कार’ की घोषणा की जाये और विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति को ‘विश्वकर्मा पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाये। देश में विश्वकर्मा इन्जीनियरिंग और तकनीकी संस्थान की स्थापना की जाये। भगवान विश्वकर्मा के नाम पर सरकारी नीतियों का नामकरण किया जाये ताकि विश्वकर्मा की पहचान बन सके।

महासभा पूरे देश के सभी संस्थाओ को एक मंच पर लाने और विश्वकर्मा समाज की विशाल रैली करके समाज की एकजुटता प्रदर्शित करेगी। देश के सभी राज्यो में देश की प्रमुख संस्थाओ को मिलाकर एक कामन एजेन्डा प्रोग्राम बनाया जायेगा और सभी को सम्मिलित करते हुए केन्द्र सरकार से विश्वकर्मा शिल्पकार समाज का सम्मान और पहचान बनाने तथा आबादी के अनुसार देश और प्रदेश सरकार में भागीदारी सुनिश्चित करने की मांग करेगी।