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विश्वकर्मा समाज चलाएगा रोजगार स्वाभिमान आन्दोलन - 28 May 2018

विश्वकर्मा समाज चलाएगा रोजगार स्वाभिमान आन्दोलन - 28 May 2018 वाराणसी। ऑल इण्डिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के तत्वावधान में लोहटिया स्थित कार्यालय पर संपन्न बैठक में विश्वकर्मा समाज के परम्परागत एवं वंशानुगत हस्तशिल्पियों की रोजी-रोटी से जुड़े लम्बित मांगों की सरकार द्वारा उपेक्षा किए जाने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने मेहनतकश कामगारों को निराश किया है। तथा सरकारी योजनाएं राजनीतिक प्रशासनिक भ्रष्टाचार की शिकार हैं जिससे वास्तविक पात्र योजना का लाभ पाने से वंचित हैं। बैठक में उपस्थित हस्तशिल्पियों ने एक तथाकथित NGO ह्यूमन वेलफेयर सोसायटी पर सम्बन्धित विभाग से सांठगांठ कर शिल्पकारों का शोषण और गुलामों जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि शिल्पियों के सैकड़ों फर्जी पहचान पत्र के जरिए उक्त NGO द्वारा योजनाओं की धनराशि का बड़े पैमाने पर गोलमाल किया जा रहा है। कई फर्जी शिल्पकारों को दूसरों द्वारा निर्मित कलाकृति पर उनसे धन लेकर सरकारी अवार्ड दिलाया गया जिसकी जांच के लिए संगठन ने तथ्यपरक रिपोर्ट सरकार को भेजी है।

गत दिनों दीनदयाल हस्तकला संकुल में आयोजित डिजाइन कांक्लेव एवं शिल्पकार सम्मेलन के दौरान उक्त एनजीओ के सदस्य कुंजबिहारी सिंह द्वारा गुलाबी मीनाकारी के एक कारीगर के साथ किए गए दुर्व्यवहार की घटना की बैठक में कड़ी भर्त्सना की गई। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को घटना का विस्तृत विवरण देते हुए कार्यवाही की मांग की गई है। बैठक में शिल्पी कारीगरों ने कहा कि सरकार जहां एक ओर योजनाओं का लाभ पात्र तक सीधे पहुंचाने की बात करती है वहीं दूसरी ओर बिचौलिया बने NGO का वर्चस्व कायम रहने से अधिकारियों की मंशा पर सवाल उठता है जिसके फलस्वरुप योजनाओं का धरातल पर विस्तार नहीं हो पा रहा है। ऐसर स्थिति में कारीगरों की आर्थिक दशा काफी खराब है। बैठक में हस्तशिल्पियों के लिए उत्तर प्रदेश सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा हस्तकला संकुल में आयोजित डिजाइन कांक्लेव में जारी किए गए मोबाइल डिजाइन एप्स की जागरूकता के अभाव में व्यवहारिक उपयोगिताओं पर सवाल खड़े किए गए तथा सरकार द्वारा बुनकर एवं हस्तशिल्पियों के बीच भेदभाव का रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए बुनकरों की भांति शिल्पियों को भी कंपाउंड दर पर बिजली तथा योजनाओं का लाभ देने एवं अगस्त माह की 7 तारीख को प्रस्तावित हैंडलूम दिवस को हस्तशिल्प दिवस के रूप में मनाने की मांग की गई। बैठक में हस्तशिल्पियों के आर्थिक विकास सामाजिक स्वाभिमान तथा लम्बित मांगों को लेकर रोजगार स्वाभिमान अधिकार आंदोलन चलाने का निर्णय किया गया।

बैठक को मुख्य रूप से राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने सम्बोधित किया। अध्यक्षता बचाऊलाल एवं संचालन भैरो विश्वकर्मा तथा धन्यवाद रमेश विश्वकर्मा ने किया। विचार व्यक्त करने वाले लोगों में प्रमुख रूप से नंदलाल विश्वकर्मा, डा. सुनील विश्वकर्मा, जितेन्द्र विश्वकर्मा, कन्हैया विश्वकर्मा, महेन्द्र विश्वकर्मा, मोनू विश्वकर्मा, रामचन्द्र शर्मा, कल्पनाथ, अजीत विश्वकर्मा, बृजमोहन विश्वकर्मा, गोविन्द विश्वकर्मा, श्रीकांत विश्वकर्मा, नीरज विश्वकर्मा, दशमी विश्वकर्मा, पप्पू विश्वकर्मा, लोकनाथ विश्वकर्मा, बाबूलाल विश्वकर्मा, किरन विश्वकर्मा, गोपाल विश्वकर्मा, रवि विश्वकर्मा, वेदप्रकाश विश्वकर्मा, प्यारेलाल विश्वकर्मा, रामचंद्र, मोहित विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।