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चन्द्र प्रकाश विश्वकर्मा द्वारा बनाई गई मूर्ति जर्मनी के राष्ट्रपति को भेंट - 21 Mar 2018

चन्द्र प्रकाश विश्वकर्मा द्वारा बनाई गई मूर्ति जर्मनी के राष्ट्रपति को भेंट - 21 Mar 2018 वाराणसी। 22 मार्च को काशी आ रहे जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक वॉल्टर स्टाइनमायर को गौतम बुद्ध की मूर्ति भेंट की जायेगी जिसे राम कटोरा निवासी चन्द्र प्रकाश विश्वकर्मा बना रहे हैं। यह सारनाथ स्थित बुद्ध की मूर्ति की हूबहू रेप्लिका है, जिसका आकार 12 इंच चौड़ा और 18 इच लंबा है। इसे सात दिन में कड़ी मेहनत से तैयार किया गया है। यह भगवान बुद्ध की मूर्ति काष्ठ शिल्प के अनूठे नमूने के तौर पर उन्हें लकड़ी के ऊपर कार्विंग कर तैयार की जा रही है। इसके साथ ही जर्मन राष्ट्रपति को अंगवस्त्रम के तौर पर बनारसी शिल्प का खूबसूरत नमूना भेंट किया जाएगा। उनके लिए तैयार पंचशील रंग में रंगे इस खास किस्म के दुपट्टे पर ‘बुद्धम शरणं गच्छामि’ की झलक भी है और मंगलकामनाओं की प्रतीक पीपल की पत्तियां भी। इसे छाहीं ग्राम के बुनकर बच्चेलाल मौर्य ने जर्मनी के राष्ट्रपति के लिए हथकरघा पर खूबसूरत दुपट्टा तैयार किया है।

महाबोधि सोसाइटी ऑफ इण्डिया सारनाथ के मुख्य भंते जर्मनी के राष्ट्रपति को काष्ठ से निर्मित गौतम बुद्ध की मूर्ति भेंट करेंगे और उन्हीं के आग्रह पर इसे बनाया गया है। बुनकर बच्चेलाल मौर्य के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके द्वारा तैयार किये जा रहे अंगवस्त्रम् से राष्ट्रपति का स्वागत करेंगे। यह जीआई उत्पाद है। हाल ही में गीता के श्लोक वाला खास दुपट्टा उन्होंने 12 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया गया था। ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन के सहयोग से जर्मन राष्ट्रपति के लिए तैयार दुपट्टे की थीम पंचशील रखी है। जीआई विशेषज्ञ डॉ0 रजनीकांत ने बताया कि एक बार फिर बनारस के शिल्पी और बुनकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना हुुनर दिखाएंगे। हाल ही में फ्रांस के राष्ट्रपति ने यहां के जीआई हस्तशिल्पियों की सराहना की थी। अब जर्मनी के रास्ते शिल्प और हैण्डलूम का बाजार और मजबूत होगा। जर्मनी में भारतीय हस्तशिल्प का बहुत बड़ा निर्यात होता है जिसमें भदोही की कालीन प्रथम स्थान पर है।