अभिनेता किरण भालेराव जी का जन्म महाराष्ट्र के नाशिक जिले में वर्ष १९८८ को हुआ। नाशिक के पेठे हाई स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद इन्होंने नाशिक के बी.वाय.के. कॉलेज से कॉमर्स में स्नातक किया। उसेक बाद मन में कुछ अलग करने की इच्छा को लिए इनका रुख मुंबई की ओर हुआ और इसी के साथ ही शुरू हुआ इनके सपनों को साकार करने का सफर। एक्टिंग को ये अपना करियर बनाना चाहते थे। उस दौरान थिएटर ज्यादा हुआ करते थे, तो इन्होंने सोचा, क्यों ना एक्टिंग की शुरुवात थिएटर से ही किया जाय। काफी सोच विचार और पता करने के बाद ये मुंबई के एक थिएटर के संपर्क में आये और वंही से एक्टिंग की शुरुवात की।
आज के दौर में बहुत कुछ पढ़ाई पर भी निर्भर है, जीवन यापन के लिए एक से ज्यादा मार्ग हों तो जीवन थोड़ा सरल हो जाता है। उसी फलस्वरूप इन्होंने मुंबई के "इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिज़नेस मैनेजमेंट स्टडीज" से एम.बी.ए. कर लिए। एम.बी.ए. करने के बाद थिएटर के कुछ मित्रों की सहायता से एक बैंक में फाइनेंस मैनेजर के रूप में नौकरी करने का अवसर प्राप्त हुआ। उस दौरान फुल टाइम नौकरी और पार्ट टाइम एक्टिंग में लगे रहे, लेकिन शायद एक कलाकार को ऑफिस की चार दीवारों में खुद को कैद नागँवार गुजरा और कुछ ही समय पश्चात् नौकरी छोड़ पुनः फुल टाइम एक्टिंग में लग गए।
वो कहते हैं ना, सच्ची मेहनत और लगन हो तो सारे जंहा को झुकने में देर नहीं लगता। इनकी मेहनत के फलस्वरूप ये अब तक थिएटर से सिनेमा, सिनेमा से टेलीविज़न, टेलीविज़न से ऐड फिल्म्स तक का सफर तय कर चुके हैं। वर्तमान समय में ये मराठी धारावाहिक "गणपति बाप्पा मौर्या" में काम कर रहे हैं। सिनेमा में ये "प्रेम रतन धन पायो - राजश्री प्रोडक्शन", "स्टोरी हे पण खरी है - सुकर्मा फिल्म्स, मराठी", "खोटार्डे मेले - जागरण एंटरटेनमेंट" जैसे इत्यादि फिल्मों में काम कर चुके हैं। "एम्बीप्योर कार फ्रेसनेस" तथा "नमो-नमो" जैसे एड फिल्म्स में भी ये काम कर चुके हैं।
सैम मराठी टीवी के "पुणेरी मिसळ, ज़ी मराठी टीवी के "मधु इथे चंद्रा तिथे", इ-टीवी के "सवार रे" और "1760-सासुबाई", स्टार प्रवाह के "पुढचा पॉल", "रोज़-संडे" के साथ और भी मराठी सीरियलों में काम कर चुके हैं। एम्बीप्योर, महिंद्रा ग्रुप, महिंद्रा सेंटरो बाइक, इजी वाशिंग लिक्विड जैसे दिग्गज कंपनियों के साथ ऐड फिल्म्स भी कर चुके हैं। ज़ी मराठी के "महाराष्ट्राचा सुपरस्टार" जैसे रियलिटी शो में भी इनका चयन हो चूका है।
"स्वगताध्यक्ष करण्डक" के लिए २००९ में इन्हे बेस्ट एक्टर का अवार्ड, "सकल करण्डक" के लिए २००९ में बेस्ट वोकल एक्टर का अवार्ड, "कामगार कलिआण केंद्र नाशिक" के लिए इन्हे बेस्ट एक्टर का अवार्ड के साथ एक्टिंग की दुनिया में इन्हे कई अवार्ड मिल चुके हैं।
हमारे समाज में अगर कोई अपनी मेहनत से नाम कमाने लगता है तो, समाज के लोग उसे पचा नहीं पाते हैं। जो लोग अपने आप को सिर्फ आने घर तक ही सिमित रखते हैं, जिनका कंही ना आना है, ना कंही जाना है, वो लोग समाज के ऐसे व्यक्तियों के अंदर खामियाँ निकालकर उनसे अपना मुंह मोड़ने की कोशिश करते हैं। ऐसे ही कुछ घटना इनके साथ हुयी और इन्हे भी समाज की उपेक्षाओं का शिकार होना पड़ा। आस-पास के लोगों के साथ रिश्तेदारों ने भी इनका उपहास किया, और उसी वजह से इनकी पारिवारिक जिंदगी काफी हद तक डिस्टर्ब हुयी। एक्टिंग की दुनिया ऐसी है कि यंहा पर अच्छे से अच्छा और बुरे से बुरा लोगों का सामना करना पड़ता है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि, उनके साथ काम करने वाला उनके जैसा ही हो। इतना सब होने के बावजूद भी आज भी समाज के साथ खड़े हैं और अपने समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं। खास करके उन वो लोग, जो समाज से उपेक्षित हो चुके हैं, ये मदद उनका मार्गदर्शन कर उनका जीवन सुखमय बनाना चाहते हैं।