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यह एक सच्चाई है.................
दो सहेलियाँ वर्षों बाद मिलीं,
औपचारिक कुशल क्षेम के बाद,
'कितने बच्चे हैं तुम्हारे?' एक ने दूसरी से पूछा,
'दो बेटियाँ हैं' दूसरी ने कहा.
'हे भगवान, इस जमाने में दो बेटियाँ,
मेरे तो दो बेटे हैं,
मुझे भी दो बार पता चला था गर्भ में बेटी है,
मैंने तो छुटकारा पा लिया,
अब देखो कितनी निश्चिन्त हूँ.
पहली ने कहा, काश, तीस वर्ष पहले तेरी मम्मी ने भी तेरे जन्म से पहले ऐसा किया होता तब आज तू दो हत्याओं की दोषी न होती, तेरी मम्मी को एक ही ह्त्या का पाप लगता.
एक सच्चाई ये भी है.................
नारी चाहे किसी भी आयु और अवस्था की क्यूँ न हो लेकिन प्रकृति से माँ ही होती है और पुरुष चाहे किसी भी आयु और अवस्था का क्यूँ न हो जाये लेकिन प्रकृति से बालक ही रहता है!
धरती पर नारी का एक ही स्वरुप विद्यमान है और वो है माँ का स्वरुप! बाकी सब स्वरुप उसके माँ स्वरुप के उपक्रम मात्र हैं!
जिसने नारी को मान-सम्मान-प्रेम और विश्वास देना नहीं सीखा, उसने अपने मानव जीवन की सार्थकता सिद्ध नहीं की है!
नारी की सार्थकता पुरुष को बाँधने में है और उसकी पूर्णता पुरुष को मुक्ति देने में है!
नारी को इज्ज़त शब्दों से ही नहीं बल्कि दिल से देने वाला ही सत्पुरुष कहलाता है!
जरा कल्पना करो कि नारी बिना यह दुनिया कितनी अंधकारमय लगेगी!
बेटी बचाओ! मनुष्य कहलाओ!....................
http://shyamvishwakarma.blogspot.com/2011/09/blog-post_27.html
Anil Vishwakarma
किसी न किसी को तो कोशिश करना ही है, आप जैसे लोग से बाकी लोगों की अपेक्षायें हैं।
10/4/2011 10:24:16 AM
Shyam Vishwakarma
कुछ कोशिस करते रहता हूँ और कही से कुछ सुन लिया तो आप सब को भी सुना देता हूँ |
10/4/2011 6:45:34 AM
Poonam Vishwakarma
Anil Ji ke kahi huyi batoon ko main dhyan mein rakhungi.
9/29/2011 7:11:18 AM
Manoj Vishwakarma
Shyam ji, kafi achcha likha hai aapne, main bhi ghar ke house wives se yahi prarthana karronga.
9/29/2011 7:07:38 AM
Anil Vishwakarma
Dear house wives user of www.VishwakarmaSamaj.com, read it....... read it....... read it....... and give your contribution to save baby girls for our bright future.
9/29/2011 7:06:09 AM
Sanjay Vishwakarma
NICE
6/17/2013 1:19:35 AM