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आज जब हम रक्षा बंधन पर्व को एक नये रुप में मनाने की बात करते है, तो हमें समाज, परिवार और देश से भी परे आज जिसे बचाने की जरुरत है, वह सृ्ष्टि है, राखी के इस पावन पर्व पर हम सभी को एक जुड होकर यह संकल्प लें, राखी के दिन एक स्नेह की डोर एक वृक्ष को बांधे और उस वृ्क्ष की रक्षा का जिम्मेदारी अपने पूरे लें. वृ्क्षों को देवता मानकर पूजन करने मे मानव जाति का स्वार्थ निहित होता है. जो प्रकृ्ति आदिकाल से हमें निस्वार्थ भाव से केवल देती ही आ रही है, उसकी रक्षा के लिये भी हमें इस दिन कुछ करना चाहिए.
हम्रारे शास्त्रों में कई जगह यह उल्लेखित है कि
जो मानव वृ्क्षों को बचाता है, वृक्षों को लगाता है,
वह दीर्घकाल तक स्वर्ग लोक में निवास पाकर
भगवन इन्द्र के समान सुख भोगता है.
पेड-पौध बिना किसी भेदभाव के सभी प्रकार के वातावरण में स्वयं को अनुकुल रखते हुए, मनुष्य जाति को जीवन दे रहे होते है. इस धरा को बचाने के लिये राखी के दिन वृक्षों की रक्षा का संकल्प लेना, बेहद जरूरी हो गया है. आईये हम सब मिलकर राखी का एक धागा बांधकर एक वृ्क्ष की रक्षा का वचन लें.
Ranjeet Vishwakarma
I LIKE THISSSSSSSSSSSSSSSSS
8/11/2011 7:56:56 PM
Anil Vishwakarma
काफी उम्दा और बेहतरीन लेख है। लेकिन आज का मनुष्य अपनी रोजमर्रा की खुशी और आराम के लिए पेड पौधे को काटने से नहीं चुकते हैं।
8/11/2011 10:24:20 AM
Ravikumar Vishwakarma
Awesome!
8/28/2011 6:16:21 AM