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कैसी ये दीवाली आर्इ, कैसी ये दीवाली आर्इ।
थे अपने भी वारे न्यारे, सोते थे हम पाँव पसारे ।
भूल गये अब धींगा मस्ती, घर की करने लगे पुतार्इ ।
कैसी ये दीवाली आर्इ।
छीन छीन कर हम सबका हक, सेठ जलाता घी के दीपक ।
उसके घर फलफूल रही है, दो नम्बर की सुद्ध कमार्इ ।
कैसी ये दीवाली आर्इ।
सोच सोच हम हुये रूवाँसे, कैसे लायें खील बतासे ।
वेतन तो पहले ही कम है, ऊपर से इतनी महगार्इ ।
कैसी ये दीवाली आर्इ।
Nandlal V.
kya bat hi
11/5/2013 1:17:49 AM
Manoj Vishwakarma
Waah... waah... waah... taliyaan :)
11/3/2013 8:31:32 AM
Mohan Vishwakarma
Very good lines... keep writing... and very happy diwali
11/3/2013 8:17:19 AM
Ram Awadh Vishwakarma
thanks and same to U
11/3/2013 6:45:20 AM
Anil Vishwakarma
Really nice... happy diwali
11/2/2013 5:20:03 AM
Anil Vishwakarma
Diwali jaisi bhi ho... iss shubawasar pe aapko aur aapke pariwaar ko Diwali ki hardik shoobkamnayein
11/2/2013 4:26:58 AM
TANNU SHARMA
very nice line sir.
11/20/2013 1:04:33 AM