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ऊँ श्री गुरूवे नमः
गुरुब्रह्मा गुरुविर्ष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः।
गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर, विश्व के समस्त गुरुजनों को मेरा शत् शत् नमन। गुरु के महत्व को हमारे सभी संतो, ऋषियों एवं महान विभूतियों ने उच्च स्थान दिया है।संस्कृत में ‘गु’ का अर्थ होता है अंधकार एवं ‘रु’ का अर्थ होता है प्रकाश । गुरु हमें अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाते हैं| गुरू शिष्य का संबन्ध सेतु के समान होता है। गुरू की कृपा से शिष्य के लक्ष्य का मार्ग आसान होता है। गुरु पुर्णिमा भारत भर में बड़ी श्रद्धा व धूमधाम से मनाया जाता है। आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को ही गुरु पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन गुरु पूजा का विधान है| गुरू द्वारा कहा एक शब्द या उनकी छवि मानव की कायापलट सकती है। क्योंकि गुरू के महत्व को सबसे ज्यादा कबीर दास जी के दोहों में देखा जा सकता है।
गुरू गोविन्द दोऊ खङे का के लागु पाँव
बलिहारी गुरू आपने गोविन्द दियो बताय।
सब धरती कागज करू, लेखनी सब वनराज।
सात समुंद्र की मसि करु, गुरु गुंण लिखा न जाए।।
यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान।
शीश दियो जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान।।
गुरू का स्थान ईश्वर से भी श्रेष्ठ है। हमारे सभ्य सामाजिक जीवन का आधार स्तभ गुरू हैं। कई ऐसे गुरू हुए हैं, जिन्होने अपने शिष्य को इस तरह शिक्षित किया कि उनके शिष्यों ने राष्ट्र की धारा को ही बदल दिया। गुरु हमारे अंतर मन को आहत किये बिना हमें सभ्य जीवन जीने योग्य बनाते हैं। गुरु पूर्णिमा के पर्व पर अपने गुरु को सिर्फ याद करने का प्रयास है। गुरू की महिमा बताना तो सूरज को दीपक दिखाने के समान है। गुरु की कृपा हम सब को प्राप्त हो।
Anil Vishwakarma
Good.
10/26/2013 9:51:12 AM
Poonam Vishwakarma
Guru sarvopari hai, guru se badkar kuchh nahi...
8/5/2013 10:23:46 PM
Shyam Vishwakarma
गुरू का स्थान ईश्वर से भी श्रेष्ठ है। हमारे सभ्य सामाजिक जीवन का आधार स्तभ गुरू हैं। अति सुन्दर.......
7/31/2013 3:02:39 AM
Nandlal V.
om gurudevay namah
7/27/2013 11:29:35 PM
Sanjay Vishwakarma
thnx
4/10/2016 4:56:12 AM