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अजीब है यह दुनिया इसका दस्तूर भी अजीब है!!
कौन कितना दूर है, कौन कितना करीब है,
किसको मिलता है किसका साथ,
किसको मिलता है किसका प्यार,
कोई दोस्त है अपना तो कोई रकीब है,
यह तो अपना अपना नसीब है,
कोई उडाता है मजाक किसी का,
कोई खुद मजाक बन जाता है,
यह दुनिया भी अजीब है,
इसका दस्तूर भी अजीब है,
यह तो अपना अपना नसीब है,
बस अपना अपना नसीब है !!
Sudhir Sharma (Panchal Vishwakarma)
Thanks Poonam
8/5/2013 10:26:39 PM
Poonam Vishwakarma
Achchhi lines hai
8/5/2013 10:20:23 PM
Sudhir Sharma (Panchal Vishwakarma)
THanks
8/1/2013 10:39:42 PM
Manoj Vishwakarma
Good lines :) keep writing.
8/1/2013 10:36:14 PM
Anil Vishwakarma
Ye to ek satya hai
8/13/2013 1:39:19 AM