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एक लडकी ससुराल चली गई,
कल की लडकी आज बहु बन गई.
कल तक मौज करती लडकी,
अब ससुराल की सेवा करती बन गई.
कल तक तो ड्रेस और जीन्स पहनती लडकी,
आज साडी पहनती सीख गई.
पियर मेँ जैसे बहती नदी,
आज ससुराल की नीर बन गई.
रोज मजे से पैसे खर्च करती लडकी,
आज साग-सब्जी का भाव करना सीख गई.
कल तक FULL SPEED
स्कुटी चलाती लडकी,
आज BIKE के पीछे बैठना सीख गई.
कल तक तो तीन टाईम फुल
खाना खाती लडकी,
आज ससुराल मेँ तीन टाईम
का खाना बनाना सीख गई.
हमेशा जिद करती लडकी,
आज पति को पुछना सीख गई.
कल तक तो मम्मी से काम करवाती लडकी,
आज सासुमा के काम करना सीख गई.
कल तक तो भाई-बहन के साथ
झगडा करती लडकी,
आज ननंद का मान करना सीख गई.
कल तक तो भाभी के साथ मजाक करती लडकी,
आज जेठानी का आदर करना सीख गई.
पिता की आँख का पानी,
ससुर के ग्लास का पानी बन गई.
फिर भी लोग कहते मेरी बेटी ससुराल जाने लग गई.
यह बलिदान केवल लडकी ही कर सकती है,
इसिलिए, हमेशा लडकी की झोली मेँ वात्सल्य भरी रखना.
ROOP SHARMA
Good one.
8/2/2013 12:20:51 AM
Manoj Vishwakarma
Very heart touching lines.
8/1/2013 10:38:47 PM
Mohan Vishwakarma
That's really good lines.
7/25/2013 10:21:44 PM
Sanjay Vishwakarma
Nice Post here...i like
7/22/2013 6:39:17 AM
Ravindr Sharma
nice very nice
7/16/2013 8:55:51 AM
Anil Vishwakarma
Its really very good. Thank for posting & Keep Posting.
7/9/2013 3:38:11 AM
Anil Vishwakarma
Really, its totally dedicated to all females.
7/9/2013 12:34:25 AM
Ravikumar Vishwakarma
Bahut sahi likha hai Amarjeet ji. Thank you for sharing.
7/8/2013 11:10:25 PM
prem vishwakarm
अति सुन्द्र्र बचन
8/26/2013 7:37:49 PM