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Mr Amarjeet Thakur
Mr Amarjeet Thakur amarjeet_thakur2001@yahoo.com 9990529741
Subject : पर्वत सी पीर

हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए,
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।

आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए।

हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में,
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए।

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,
सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।

मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।

Comments

Manoj Vishwakarma

Sirf hungama khada karana hamara maksad nahi, humein kuchh kar gujarana hai.

8/1/2013 11:01:42 PM

Anil Vishwakarma

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए, बस इतनी सी ही चाहत है.

7/9/2013 3:43:12 AM

Krishna Prasad Vishwakarma

मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए

7/6/2013 7:18:07 AM

Anil Vishwakarma

Good one... keep it up.

7/5/2013 9:25:06 AM

Vishnu Vishwakarma

Nice Lines

6/20/2013 9:53:37 PM

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