To post comments on this Lekh you need to be logged in.
अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं,
और खो दो तो सिर्फ़ एक कहानी हूँ मैं,
रोक पाए ना जिसको ये सारी दुनिया,
वो एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं,
जागे हैं देर तक हम, कुछ देर सोने दो,
थोड़ी सी रात और है, सुबह तो होने दो,
आधे अधूरे ख्वाब जो, पूरे ना हो सके,
एक बार फिर से नींद में, वो ख्वाब बोने दो.
Mohan Vishwakarma
वाह वाह क्या बात है...
5/2/2013 10:19:51 PM
Amarjeet Thakur
thanks sir
4/26/2013 10:32:27 PM
Shyam Vishwakarma
वाह वाह क्या बात है....... बहुत खूब...... खुली आँखों में सपने सजाओ तो जल्दी पुरे होते हैं......
4/25/2013 10:49:42 AM
Anil Vishwakarma
Yeah, good one.
4/18/2013 2:44:12 AM
Anil Vishwakarma
Waah! Kya baat hai, kya khoob likha hai.
4/16/2013 10:32:33 PM
Poonam Vishwakarma
Achchha hai.
5/19/2013 11:04:11 PM