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Mr. Shyam Vishwakarma
Mr. Shyam Vishwakarma vishwakarma.sv@gmail.com N
Subject : दहेज... एक बहुत बड़ी कु प्रथा

दहेज... एक बहुत बड़ी कु प्रथा,
जिसे लोग आज मान सम्मान मानते है,
हमारे हिसाब से भीख से बढ़ कर ही है,
पहले ये बड़े धनि लोग अपनी कन्यां को देते थे,
परन्तु उनकी देखा देखि सभी लोग देने लगे,
ये उचित नहीं है, परन्तु लेने के टाइम लड़के का बाप मांगता है भिखारी की तरह,
और वही बाप गिडगिडाता है देने के समय,
हम उन सभी भाई से निवेदन करते हैं, ना कुछ लो ना कुछ दो,
आप बदलो समाज अपने आप बदलेगा,
सभी बहनों से भी आग्रह करता हूँ की ऐसे दहेज लोभियों का बहिस्कार करो,
आज कन्या का अनुपात कम है, अपने आप लालचियों का लालच कम हो जायेगा,
दहेज मांगना एक प्रकार से भीख मांगना है

Comments

Manoj Vishwakarma

Ashok Ji, kaafi achchha likhate ho aur wo bhi emotional.

8/1/2013 10:39:45 PM

Shyam Vishwakarma

बहुत सुन्दर लाइन है अशोक जी आप का...... धन्यवाद.......

7/31/2013 2:54:29 AM

Anil Vishwakarma

Bahut hi emotional line likh di aapne Ashok Ji.

7/30/2013 10:41:43 PM

Ashok Kumar

मेरा तो एक ही प्रश्न है.............. शादी ब्याह व्यापार बना, वर भी वरद समान हुआ, ऊँची ऊँची बोलियों में वो भी तो नीलम हुआ. शादी यदि व्यापार ही है तो क्यों रिश्तों से इसे सजाया है, जलाना था कन्या को यदि क्यों बहु उसे बनाया था. भरनी थी काँटों से झोली क्यों फूलों का हार पहनाया था, क्यों फूलो का हार पहनाया था.............................

7/28/2013 10:42:51 AM

Nandlal V.

ek bat ye bhi hi ki jaise lohe per baar baar chote karke use aakar de dete hi bar chote karke hum inke mind ko bhi badal sakte hi all things is possible but it to late

7/27/2013 9:56:43 AM

Mohan Vishwakarma

New generation understands it properly, hope in future this routine will be off.

7/25/2013 10:25:35 PM

Sanjay Vishwakarma

हमारे देश 100% मे से 90% लोग सिर्फ भीख मागंते है, कही सरकार जनता से वोट पाने के लिए तो कही कुछ लोग दहेज पाने के लिए भिख मागते|

7/22/2013 7:03:07 AM

Krishna Prasad Vishwakarma

dahej jaisi kupratha par ek badhiya lekh Dhanyawad Shyam ji

7/6/2013 7:16:47 AM

Anil Vishwakarma

बात तो किसी ने सही कही है... समय सबको मौको देता है... और अब बारी है लडकियों की...

5/30/2013 9:02:16 AM

Shyam Vishwakarma

पूनम जी सही कहा आप ने पहले लड़के ढूंढा जाता था पर ऐसे ही चलते रहा तो जल्दी ही लड़कियां ढूंढने का रिवाज चालू हो जायेगा.......

5/27/2013 4:10:35 AM

Amarjeet Thakur

sahi kaha aap ne

5/22/2013 11:00:58 PM

Poonam Vishwakarma

Bilkul sahi Shyam ji, waise abhi se hi log ladakiyaan dhudana chalu kar diye hai, ek jamana tha jab log ladake dhudate the.

5/19/2013 11:03:41 PM

Shyam Vishwakarma

आज नहीं तो कल मानेंगे........ जब बेटे के लिए बहु नहीं मिलेगी तब समझेंगे........ पर समझेंगे.........

5/19/2013 11:35:26 AM

Anil Vishwakarma

Wah, Shyaam Ji, kya khub likha, leking dahej lene dene wale itane besharam hote hain ki, unpar inn sab baatoon ka asar hi nahi hita.

5/16/2013 11:05:00 PM

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