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Mr vijai sharma
Mr vijai sharma pakhi49@gmail.com 09452225717
Subject : 22 मार्च 2013 विश्व पानी दिवस पर एक बार फिर

मैं एक बूंद हूं,
अपना अस्तिव खोकर,
तुम्हे जीवन देती हूँ,
मैं हर जगह हूँ,
जहाँ भी तुम चाहते हो,
मैं वहीँ हूँ,
तुम्हारी प्यास बुझाती हूँ,
मैं अपने अस्तिव की लड़ाई,
खुद लड़ती हूँ,
और हार जाती हूँ,
मैं हार कर भी,
तुम्हे जीवन का सुकून देती हूँ,
क्या याद है तुम्हे,
मैं एक बूंद होकर भी बहुत रोती हूँ,
मैं अपना अस्तिव जानती हूँ,
मुझे तो मिटना ही है,
फिर भी बहुत रोती हूँ,
जब - जब तुमने चाहा,
अपने होठों से,
अपने दिल में बसा लिया,
और जब चाहा,
बहा दिया,
मैं तो एक बूंद हूँ,
धरती माँ के आंचल में समा जाती हूँ,
खुद मिट जाती हूँ,
लेकिन, तुम्हे जीवन देती हूँ,
क्योंकि, मैं एक बूंद हूं।

Comments

Poonam Vishwakarma

Jal jeenvan hai, lekinn kuchh log ise badi aasani se nast kar rahe hain, bahut kam log hai jo jal to save karate hain.

5/19/2013 11:06:00 PM

Mohan Vishwakarma

वाह वाह क्या बात है...

5/2/2013 10:20:30 PM

Anil Vishwakarma

Yeah, very true, jal hi jeewan hai.

4/18/2013 2:45:27 AM

Anil Vishwakarma

Jal hi jeevan hai, isse hum sab ko milkar bachana chahiye.

4/16/2013 10:33:57 PM

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