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जब आप अपने बच्चे को स्कूल में दाखिल करवाते हैं, तो आपका मुख्य उद्देश्य यह होता है की आपका बच्चा हर वो ज्ञान प्राप्त करे जो उसके आगे बढ़ने और सफल जीवन के लिए जरूरी है और जो उसमें आत्मविश्वास पैदा करे। 5 से12 वर्ष के बच्चों के लिए स्कूल में कई शिक्षण गतिविधियाँ होतीं हैं। इन सभी गतिविधियों का उद्देश्य आपके बच्चे की शैक्षिक कौशलता और व्यक्तित्व विकास कराना होता है। शिक्षा, अकादमिक सफलता के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन इतना ध्यान रखना चाहिए कि स्कूली शिक्षा बच्चे को हर तरह से योग्य एवं परिपूर्ण बनाने वाली होनी चाहिए। बच्चों पर कोई भी गतिविधि या काम लादना नहीं चाहिए बल्कि उनसे ये सब काम, बिना कोई दवाब दिए, आराम से करवाना चाहिए।
गणित की समस्याएं हल करना, किताबें पढ़ना, लिखना, बोलना इत्यादि बच्चों के लिए कुछ महत्वपूर्ण शिक्षण गतिविधियां होतीं हैं जिनमें उन्हें कुशलता प्राप्त करनी होती है। अगर आपका बच्चा एक अच्छा श्रोता है यानि की दूसरों की बातें ध्यान से सुनता है एवं अपने विचार या अपनी बात दूसरों के सामने बोलकर पेश कर सकता है तो स्कूल में वह सफलता पा सकता है। इसलिए उसे दूसरों की बातें ध्यान से सुनने और बोलकर अपनी बात पेश करने के लिए प्रोत्साहित करें। उसे कोई भी बात रटने के लिए प्रोत्साहित न करें। स्कूल भेजने का आपका मकसद ये है की आपका बच्चा सभी विषयों को अच्छी तरह से समझ कर ज्ञान प्राप्त करे जो उसके भविष्य में काम आए।
आप अपने बच्चों में हर विषय के प्रति रुचि जगाएं। जिन विषयों में उसकी जितनी ज्यादा रुचि होगी, उसे पढ़ने और समझने में उसका उतना हीं मन लगेगा। बच्चे के माता-पिता या अभिभावक होने के नाते आप खुद ऐसी रणनीति बनाएं जिससे कि आपके बच्चों में उन विषयों को पढ़ने और याद करने की रुचि उत्पन्न हो। आप अपने बच्चे को सिर्फ किताबी ज्ञान या अक्षरों का ज्ञान न दें बल्कि उसे पढ़ाते हुए कुछ ऐसा ज्ञान दें जिससे उस विषय में उसकी रुचि बरक़रार रहे एवं जो उसे आगे जाकर फायदा पहुंचाए।