Apke Lekh Details

To post comments on this Lekh you need to be logged in.

Mr Devendra Vishwakarma
Mr Devendra Vishwakarma devendra.sru@gmail.com 9971439638
Subject : सफलता चाहिए तो, खुदको हमेशा तैयार रखें

जब बदलाव आता है और यदि वह अनुकूल हो तो अहंकार पैदा हो सकता है और प्रतिकूल हो तो अवसाद को जन्म देता है। इसलिए अपने मस्तिष्क को बदलाव से तालमेल बनाने के लिए तैयार रखें। दो चीजें बड़े काम आएंगी- एक तो हमारी मानसिकता विपरीत परिस्थिति में हल निकालने वाली हो और दूसरी तालमेल बैठाने वाली।

हमारे भीतर की फकीरी को इन दोनों स्थितियों से जोड़े रखने पर हम कभी भी निराश नहीं होंगे। जिनके पास बहुत अधिक धन होता है, जो इसका पर्याप्त भोग कर चुके होते हैं, ऐसे लोग भी फकीर बनते देखे गए हैं।

गौतम बुद्ध के साथ यही हुआ था। उन्होंने जीवन के एक पक्ष को वैभव के साथ देखा था और उसके बाद त्याग के चरम को छुआ। कबीर के साथ उल्टा था। उन्होंने कभी वैभव नहीं देखा, पर वैसी ही फकीरी अभाव में घट गई। जिसको जीवन में सब मिल जाता है, उसकी तृप्ति भी उसे वैराग्य की ओर ले जाती है।

इसलिए जब वक्त बदले, हमारे पास सबकुछ हो तो भी वैराग्य की संभावनाओं को बचाए रखें और जब कुछ भी न हो, तब भी फकीरी को घटाने की तैयारी रखें। संतोषभरा यह संतुलन परिस्थितियों में जीवन के अर्थ बदल देगा।

संसार चक्र तेजी से घूमता है। इस बदलाव को समझते हुए हमें अपनी मानसिक स्थिति से इसे जोड़े रखना चाहिए। आज जो हमारी प्रतिष्ठा है, धन की स्थिति है, जरूरी नहीं कि वह कल भी रहे। कब स्थिति बदल जाए, पता नहीं।

Comments

PUSHPENDRA PANCHAL

this comments is very stronger & fine

2/1/2013 9:28:09 AM

Anil Vishwakarma

परिवर्तन ही संसार का नियम है ... ये बात तो सौ प्रतिशत सही है, लेकिन समझदार आदमी वही है जो समय परिवर्तन के साथ चले.

12/11/2011 9:08:06 AM

Devendra Vishwakarma

ye sir...well said

12/3/2011 10:21:33 PM

Pawan Vishwakarma

परिवर्तन ही संसार का नियम है ...

12/1/2011 10:08:33 AM

Post Comments
User Pic