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मेरे जीने का सहारा फेसबुक,
मेरे मरने का सहारा फेसबुक,
सुबह हुई फेसबुक,
दोपहर हुई फेसबुक,
शाम आई फेसबुक,
रात होने को है फेसबुक.
बत्ती गुल, मोबाईल पे चलता है फेसबुक,
कोई नया बन्दा आया दुनिया में,
खबर देता है फेसबुक,
मरने की घड़ी है,
स्टेटस अपडेट करता है फेसबुक.
पापा ने पूछा 'खाना खा लो,
मम्मी ने कहा- 'बेटा पानी पी लो',
बट् वो तो बीजी है सिस्टर को दिखाने में फेसबुक.
कभी पेज क्रियेट करता है,
कभी बनता है किसी ग्रुप का एडमीन,
बस उसे तो मतलब है,
लाईक और कमेंन्ट्स से,
न शादी से न टेंट से,
युट्यूब पे जाके करता है,
शेयर कोई गाना,
नहीं परवाह,
सुने चाहे मामा, सुने चाहे नाना.
क्लास में है फेसबुक,
घर में है फेसबुक,
वाशरूम में है फेसबुक,
उल जुलूल फोटो करता है टैग,
चाहे क्लास में भूल जाये अपना बैग.
जानता है,
नज़र भर नहीं देखी उसकी अप्लीकेशन्स,
फिर भी बार-बार चैक करता है नोटिफिकेशनन्स,
घर भर के प्रोफाईल बना डाले उसने,
कभी इससे लागईन करता है,
कभी उससे लागईन करता है,
पर नज़रों में रहता है बस फेसबुक.
कहाँ रही वो ज़मीनी हकीकतें,
कहाँ रहे वो संस्कार,
न रहा वो प्रेम,
न रहा शाश्वत प्यार,
फेसबुक का इंसान खुश है,
देख कर वर्चूअल संसार.
http://shyamvishwakarma.blogspot.com/2011/10/facebook.html
Poonam Vishwakarma
फेसबुक का क्या कहना ...
11/12/2011 10:12:23 PM
Pawan Vishwakarma
:) :) :)
11/2/2011 10:22:56 PM
Anil Vishwakarma
Aise mein to baaki ka kaam facebook pe hi karana padega.... thoda interesting rageha.... kyonki har kaam ko facebook pe karane ke liye naye naye tarike sochane padenga :)
11/2/2011 10:15:21 PM
Omesha Arts
हर समय फेसबूक , बाकी का काम कब करते है ?
11/2/2011 11:11:06 AM
Anil Vishwakarma
Waaaah re facebook..... itani saari paribhasha..... amazing hai ye :)
11/1/2011 10:20:33 AM
vijay sharma
amazing
1/11/2012 5:47:35 AM