मुंबई 7 जनवरी 2020 को धरना प्रदर्शन को सफलता पूर्वक से संपन्न हुआ।
1. श्री विश्वकर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट, दहिसर
2. कारपेंटर वेलफेयर एसोसिएशन
3. भारतीय श्री विश्वकर्मा कल्याण समाज, अँधेरी
4. श्री विश्वकर्मा सहयोग सेवा समिति, पवई
5. सार्वजनिक श्री विश्वकर्मा पूजा संस्था, नेरुल
6. श्री विश्वकर्मा धाम, अंधेरी
7. हिन्दवी संस्कृत संस्था, कलवा
8. श्री विश्वकर्मा प्रतिष्ठान, कलवा
9. श्री विश्वकर्मा विकास संस्था, कलवा
10. भारतीय एकता संघ, जोगेश्वरी
11. ॐ श्री विश्वकर्मा सेवा समिति, ठाणे
12. विश्वकर्मा समिति, कलीना
13. नवजीवन श्री विश्वकर्मा सेवा समिति, वकोला
14. श्री विश्वकर्मा कल्याण मंडल, कुर्ला
15. श्री विश्वकर्मा सेवा समिति, नायगांव
16. ॐ शिव कांवरिया ट्रस्ट, डोम्बिवली
17. विश्वकर्मा एकीकरण अभियान, मुम्बई, महाराष्ट्र
18. श्री हरि कृष्णा चैरिटेबल ट्रस्ट, बोरीवली
19. श्री विश्वकर्मा प्रगति मंडल, डोम्बिवली
20. श्री विश्वकर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट रेड ब्रिगेड, नवी मुम्बई
21. विश्वकर्मा राहत कोष
22. जनजागरण अभियान, मुम्बई
23. विश्वकर्मा समिति, भिवंडी
24. राष्ट्रवादी जनशक्ति पार्टी, मुम्बई
25. द विश्वकर्मा फाउंडेशन, साकीनाका
26. श्री विश्वकर्मा जनहित चैरिटेबल ट्रस्ट, नालासोपारा
27. संस्कार फाउंडेशन, न्यू पनवेल
28. पारम्बी फाउंडेशन, मुम्बई
29. श्री विश्वकर्मा पांचाल सुतार समाज, डोम्बीवली
30. अखंड विश्वकर्मा ब्राह्मण कल्याण समिति, आज़मगढ़
कुर्ला, मुंबई एक 5 जनवरी 2020 को धरना प्रदर्शन को सफलता पूर्वक से संपन्न करने हेतु आम सभा का आयोजन किया गया। सभी विश्वकर्मा वंशियों ने पीड़िता मोहिनी विश्वकर्मा के आत्मा की शांति हेतु दो मिनट का मौन धारण कर सभा की सुरुवात की। आये हुए सभी समाज प्रेमियों ने अपने-अपने मंतव्य को सभी के सामने रखा और पूरे जोर-शोर से पीड़िता के दोषियों को फांसी की सजा की मांग की।
1. विश्वकर्मा समाज, दहिसर - धरना प्रदर्शन में शामिल सभी लोगों के लिये जलपान की व्यवस्था
2. ॐ शिव साई विश्वकर्मा सेवा संस्था, डोंबिवली - डोंबिवली कल्याण से धरना प्रदर्शन में आने वालो लोगों के लिए यातायात सुविधा हेतु बस का प्रबंध
3. श्री विश्वकर्मा कल्याण मंडल, कुर्ला - धरना प्रदर्शन में होने वाले खर्च के लिए 10,000/- (दस हजार) रूपये का सहयोग
4. भारतीय एकता संघ, महाकाली, अँधेरी - धरना प्रदर्शन में होने वाले खर्च के लिए 2101/- (दो हजार एक सौ एक) रूपये का सहयोग
5. नवजीवन श्री विश्वकर्मा सेवा संस्था, सांताक्रुज - धरना प्रदर्शन में होने वाले खर्च के लिए 2000/- (दो हजार) का सहयोग और सांताक्रुज से धरना प्रदर्शन में शामिल होने वाली महिलाओं के लिए यातायात सुविधा हेतु बस का प्रबंध
6. बौद्धजन पंचायत समिति, सांताक्रुज शाखा - धरना प्रदर्शन में होने वाले खर्च के लिए 1000/- (एक हजार) रूपये का सहयोग
7. भारतीय श्री विश्वकर्मा कल्याण समाज, अँधेरी - धरना प्रदर्शन में होने वाले खर्च के लिए 2100/- (दो हजार एक सौ) रूपये का सहयोग
8. श्री विश्वकर्मा विकास संस्था विश्वकर्मा मंदिर, कलवा - कलवा से धरना प्रदर्शन में आने वालो लोगों के लिए यातायात सुविधा हेतु बस का प्रबंध
9. श्री विश्वकर्मा सहयोग सेवा समिति पवई - पवई से धरना प्रदर्शन में आने वालो लोगों के लिए यातायात सुविधा हेतु बस का प्रबंध
पेट्रोल डालकर जलाई गई उन्नाव की बेटी के परिजनों को सांत्वना देने का तांता लगा है। इसी क्रम में एन्टी करप्शन एण्ड क्राइम ब्यूरो इण्डिया (ट्रस्ट) के डायरेक्टर डॉ. आर. के. विश्वकर्मा भी अपने पदादिकारियों के साथ पीड़िता घर पहुंचे। संस्था के सभी लोग बिहार थाना क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम भाटन खेड़ा पहुंच कर जिंदगी की जंग हार चुकी बेटी के पिता से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया। श्री आर. के. विश्वकर्मा ने मृतका के परिजनों की खराब दशा को देखते हुये आर्थिक मदद के रूप में तत्काल पीड़िता के पिता को 50 हजार रूपये का चेक सौंपा। साथ ही वहां मौजूद प्रशासनिक अधिकारी व मीडिया के समक्ष मामले की जांच सीबीआई से करने की मांग रखी और दोषियों को कड़ी सजा मिलाने तक पीड़िता के परिवार के साथ रहने की बात की।
जिस वकील को वह अपना हमदर्द समझती थी, उसी न पीड़िता को धोखा दिया। दोषियों की तरफ से पैरवी करते हुए पीड़िता और पीड़िता के परिजनों को 2 लाख रुपये का लालच देकर केस वापस लेने का दबाव बनाया। बात सिर्फ यंही तक नहीं थी, उस वकील ने पीड़िता का मानसिक शोषण भी किया। चैट पर अश्लील चित्र भेजना और फोन करके अनर्गल बातें करना, इत्यादि हमारी बिटिया मोहिनी विश्वकर्मा ने सहा है और नौबत यंहा तक आगयी कि, जिस व्यक्ति पर न्याय की जिम्मेदारी थी, वही व्यक्ति पीड़िता के मौत का कारण बना।
उन्नाव व विश्वकर्मा परिवार की बिटिया की मौत हो चुकी है, पर वो आखरी सांस तक अनवरत बर्बरता वादी व्यवस्था से लड़ी है, उसने अपने जिंदगी से जंग हारी हैं, बलात्कारीयों से नही! ऐसा ही माजरा प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित कई अन्य जगहों में भी हुआ हैं, पर हालात जस के तस हैं। नीचे ये उन्नाव की उस विश्वकर्मा परिवार की बेटी का घर है। सोचिए इस घर की बेटी किस तरह से सालों जूझी होगी, उस पुलिस से जिसने उसका मुकदमा नहीं लिखा, कैसे वो लाई होगी एफ़.आई.आर. के लिए अदालती आदेश। क्या गजब का हौसला था उसमे जो अपने गुनाहगारो के बाहर आने पर फिर चल पड़ी थी संघर्ष की राह पर। सिर्फ अकेले !! बिल्कुल अकेले!!!! उसके हौसले से नहीं लड़ सकते थे बलात्कारी, तो उसे जिंदा ही फूंक दिया हैवानो ने। वो दामिनी 95 % जलता बदन लेकर लगभग एक किलोमीटर तक भागी। उसी हालत में खुद पुलिस को फोन किया, जिजीविशा ऐसी कि आखिरी पल तक यही कहती रही कि:
मुझे अभी जीना है, मुझे उन सभी बलात्कारीयों को फांसी पर लटके हुए देखना है!!!
सोचिए, उसकी आत्मा कितने गहरे आहत हुई होगी, किस जलालत का सामना उसने किया होगा। ध्यान से देखिए आंगन में एक तुलसी जी भी है, अब तो शायद ये भी सूख जाए। क्या विश्वकर्मा समाज इतना कमजोर है जो अपने बेटी के इज्जत की रक्षा नहीं कर सकता। आखिर कब तक हम सरकार की गुलामी करते रहेगे।उठिये खडे होइये और अपने सम्मान की रक्षा स्वंय करिये।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी उन्नाव में रेप पीडिता को न्याय न मिलने पर खुद को आग लगाकर आत्मदाह करने वाली रेप पीड़िता के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की और पीड़िता के परिवार के दुःख में शामिल हुए। परिवार से मिलकर स्थानीय प्रशासन द्वारा की जा रही कार्यवाही के बारे में जानकारी लेते हुए उन्होंने न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार को श्री अखिलेश यादव जी ने ५ लाख रुपये की सहायता राशि चेक के माध्यम से भुगतान भी किया। पीड़िता के मौत पर आक्रोश जताते हुए श्री अखिलेश यादव जी स्वयं अपने सागयोगियों के साथ विधानसभा के सामने धरने पर बैठे तथा केस को फास्ट ट्रैक को सौपने तथा हत्यारो को फांसी देने की बात कही। उन्होंने परिजनों को आश्वस्थ करते हुए कहा कि बेटी के साथ अमानवीय कृत्य करने वाले आरोपियों को सजा दिलाने में समाजवादी पार्टी आखिरी पायदान तक संघर्ष करेगी।
अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व समाजवादी पार्टी के नेता श्री रामआसरे विश्वकर्मा की अगुवाई में उनके कार्यकर्ताओं द्वारा पूरे प्रदेश में एक साथ शोकसभा व धरना प्रदर्शन आयोजन किया गया। विश्वकर्मा समाज के लोग, चाहे किसी राजनितिक पार्टी से हों या किसी संस्था से, सभी के मन में इस घटना के प्रति आक्रोश था। इसी वजह से सभी ने शोकसभा व धरना प्रदर्शन में सभी ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। मोहिनी विश्वकर्मा समाज की बेटी थी, उसने न्याय के लिए संघर्ष किया और दरिंदों से लड़ते हुए ही अपनी जान दे दी। अब वह नहीं रही तो समाज के लोगों की ही जिम्मेदारी है कि उसकी अधूरी लड़ाई को लड़ते हुए उसे न्याय दिलाएं। उसके हत्यारों को फांसी हो तभी उसकी आत्मा को शांति मिलेगी।
8 दिसम्बर। उन्नाव की रेप पीडिता विश्वकर्मा समाज की बहादुर बेटी आखिर जिन्दगी की जंग हार गयी। बेटी के अन्तिम संस्कार में सपा के पूर्वमन्त्री रामआसरे विश्वकर्मा व समाज के लोग मौजूद रहे। सभी ने पुष्प अर्पित कर विश्वकर्मा समाज की बेटी को श्रद्धांजलि दी और प्रणाम कर अन्तिम विदाई दी। पैतृक गांव में पुरखों की जमीन पर शव को दफनाया गया।
उन्नाव जिले के बिहार थाना क्षेत्र में एक लड़की मोहिनी विश्वकर्मा दरिन्दों की दरिन्दगी की शिकार हो गई। प्यार के जाल में फंसी मोहिनी के साथ गैंगरेप हुआ तो उसने थाने में शिकायत की। उसकी शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज हुई और आरोपी जेल भेजा गया। लेकिन लचर व्यवस्था ने चाहे वह पुलिस की कमजोरी रही हो या फिर जमानत देने वाले न्यायालय की नासमझी रही हो आखिर में उस दरिन्दे को जमानत मिल गई और रिहा होते ही उसने मोहिनी के ऊपर पेट्रोल डालकर उसे आग के हवाले कर दिया। करीब 38 घण्टे जीवन-मृत्यु से जूझती मोहिनी इस दुनिया को अलविदा कह गई। अब सवाल इस बात का कि क्या उसे न्याय मिल पायेगा? हालांकि मोहिनी को जलाये जाने के बाद सरकार और पुलिस प्रशासन ने काफी तत्परता दिखाई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी खर्चे पर मोहिनी का इलाज लखनऊ से दिल्ली तक कराने की व्यवस्था की। यहां तक कि एयर एम्बुलेंस द्वारा उसे लखनऊ से दिल्ली ले जाया गया। इधर मुख्यमन्त्री के कड़े निर्देश पर पुलिस प्रशासन ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आशंका इस बात की है कि मोहिनी तो रही नहीं, कहीं पहले की तरह इन आरोपियों को फिर से न्यायालय जमानत दे दे और यह आरोपी मुकदमें को रफा-दफा करने के लिए मोहिनी के परिजनों को धमकी दें या उनके साथ भी कुछ ऐसा करें जैसा कि मोहिनी के साथ किया है।